Satsang karni re bhajan lirics|सत्संग करनी रे भजन लीरिक्स

 

सत्संग करनी रे भजन ,

सत्संग री महिमा वेदों में वरणी रे,

सत्संग करनी रे,


सत्संग कीनी राजा भरतरी, ।

रानी पिंगला ने त्यागी रे,

धिन धिन ज्यारे मात पिता ने ,

जायो  जननी रे, ।।

सत्संग करनी रे भजन ,

सत्संग री महिमा वेदों में वरणी रे,

सत्संग करनी रे,


सत्संग कीनी धना भगत तो

ज्यामें मोती वरणी रे,

बीज बांट संता ने दिनों,

धिन ज्यारी करणी रे,

सत्संग करणी रे,

सत्संग करनी रे भजन ,

सत्संग री महिमा वेदों में वरणी रे,

सत्संग करनी रे,


सत्संग कीनी मुनि वशिष्ठ जी,

धरती अर्पण करदि रे,

एक पलक सत्संग में बेठियो

धब्ब गयी धरणी रे,

सत्संग करणी रे,

सत्संग करनी रे भजन ,

सत्संग री महिमा वेदों में वरणी रे,

सत्संग करनी रे,


कल्याण भारती सत्गुरू मिलिया,

सोची शब्दा वरणी रे,

वरमानंद भजन कर बंदा,

भव दुख हरणी रे,

सत्संग करणी रे 

सत्संग करनी रे भजन ,

सत्संग री महिमा वेदों में वरणी रे,

सत्संग करनी रे,


भजन लिखित :- महेंद्र नाथ

राजस्थान के सुपरहिट ब

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