एक दिन जावा ला पाछा नहीं आ वाला।।
बोलो बोलो अमृत रे वाणी में मुखड़ा सूं ।
फुला वाली परमल छोड़ अमर पद पा वाला।।
कंचन वाली काया रे सैलानी में तो पावणा ।
एक दिन जा वा ला फिर नहीं आ वाला।।
लेना है तो ले लो रे लावो इन हाथा सूं ।
कर लो भलाई वालो काम जगत जस पावा ला ।।
कंचन वाली काया रे सैलानी दिन पावना।
एक दिन जावा ला पाछा कोनी आवा ला ।।
मिलणो वे तो मिल लो रे जगत का मिनखा सूं
मैलो ओ बिछडयो जाय पचे पछतावा ला ।।
कंचन वाली काया रे सैलानी दिन पावना।
एक दिन जावा ला फेर नही आवा ला ।।
गाना वे तो गा लो रे गुरुजी वाला गितड़ा ।
भैरव भज मन राम अमर पद पावा ला ।।
कंचन वाली काया वी सैलानी में तो पावना।
एक दिन जावा ला पाछा कोनी आवा ला ।।
भजन गायक :-mahendra singh
Typed:- Mahendra Nath