Hari bhaj hari bhajan lyrics

हरि भज भज हेर हिया मैं समझ पकड़ ले मजबूती।
साचा सिमरन करो राम का और वार्ता सब झूठी ।।

इंद्र घटा ले सतगुरु आया इमरत बूंदा हद बूंटी ।
तिरवेणी का रंग महल में हंसले लाला हद लूटी ।।

हरि भज हरि भज………………………………..

पांचू चोर बसे काया में ज्यां की पकड़ो सिर छोटी ।
पाँचा ने पकड़ पच्चीसा ने बसकर जद जाणु थारी बुद्ध मोटी।।

हरि भज हरि भज……………………………………….

सत सिमरन का शैल बनाओ ढाल बनाओ धीरज की ।
काम क्रोध ने मार हटाओ जद जाणु थारी राजपूती ।।

हरि भज हरि भज………………………………………

रुनझुन रुनझुन बाजा बाजे जोत झिलामिल वां जगती ।
ॐ कार के रंग महल में हँसले चुगिया निज मोती ।।

हरि भज हरि भज…………………………………….

पक्का धड़ी का तोल बनाओं काण मति राखो एक रति ।
शरण मछिन्दर जति गौरख बोले अलख लख्या सो खरा जति ।।

हरि भज हरि भज……………………………………….

श्री नाथ जी महाराज की जय

गौरख नाथ जी महाराज जी जय

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