। दोहा ।।
नमो नमो गुरुदेव जी, नमो नमो सब संत।
नमो पार ब्रहा ने, नमो नमो भगवंत।
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी ,
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी।
कैसे आऊ में कन्हैया ,
तेरी गोकुल नगरी।
बड़ी दूर नगरी हां ,
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी।
जमना जल जाऊ काना ,
पायल मोरी बाजे।
पायल मोरी बाजे ,पायल मोरी बाजे।
जमना जल जाऊ काना ,
पायल मोरी बाजे।
चपत चलु तो, मेरी छलके गगरी ,
बड़ी दूर नगरी।
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी। टेर।
रात में आऊ तो कान्हा ,
डर मोहे लागे।
डर मोहे लागे ,शरम मोहे लागे।
रात में आऊ तो कान्हा ,
डर मोहे लागे।
दिन में आऊ तो, देखे सारी नगरी ,
बड़ी दूर नगरी।
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी। टेर।
तेरी नगरी में कान्हा ,
चोर बसत है।
चोर बसत है ,लुटेरे बसत है।
तेरी नगरी में कान्हा ,
चोर बसत है।
लूट लेवे जी, मोरी नथ चुनरी ,
बड़ी दूर नगरी।
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी। टेर।
मीरा बाई गावे प्यारा ,
गिरधर रा गुण।
गिरधर रा गुण, मोहन रा गुण।
मीरा बाई गावे प्यारा ,
गिरधर रा गुण।
तुम्हरे दरश, बिन हो गई बावरी ,
बड़ी दूर नगरी।
दूर नगरी रे बड़ी दूर नगरी। टेर।
मीराँ बाई के भजन
लिखित :-महेंद्र नाथ