🚩 मारवाड़ रियासत 🚩
:-पालासनी आसण का परिचय -:
प्राचीन काल से भारत एक धर्मगुरु राष्ट रहा हे! जिनमें समय समय पर अनेक संत महात्माओ का प्रांदुर्भाव हुआ !
जेसे:- श्री राम, श्री कृष्ण, गोतमबुद्द, श्री गुरूजी श्री गोरक्ष नाथ जी, श्री भृतहरी आदि हुए ! उसी समय भारत राष्ट मे अनेक पंत व सम्प्रदाय का आविर्भाव हुआ! इनमें से प्रमुख व सर्वश्रेष्ठ नाथ सम्प्रदाय हुआ! नाथ सम्प्रदाय के चौरासी सिद्दो मे से श्री चिङियानाथ जी को आरम्भ्यनाथ जी के नाम से विशेष महारथ हासिल थी! राजस्थान के नाथ सम्प्रदाय की प्रमुख गद्दिया मे से श्री चिङियानाथ जी कि गद्दी ( आसण मठ) विशेष व प्रमुख हे! पालासनी गाँव, जो राजस्थान के पश्चिमी भू- भाग मे मारवाङ अर्थात मरूप्रदेश कि राजधानी जोधपुर से दक्षिण -पुर्व दिशा मे 45 किमी दुर एक धार्मिक व ऐतिहासिक नगरी हे, जो मिठङी नदी के किनारे पर स्थित हे! इस गाँव का ऐतिहासिक सरोवर के तट पर भव्यतम व केसरिया छटा बिखेरता हुआ श्री श्री 1008 श्री चिङियानाथ जी का आसण मठ स्थापित हे! आज से लगभग 555 वर्ष पुर्व श्री चिङियानाथ जी ने यहाँ जिवित समाधि ली! इस समाधि का निर्माण राव जोधाजी ने करवाया! जो आज विशालतम गगनचुम्बी शिखर संगमरमर युक्त अलौकिक मन्दिर बना हुआ है,जो मारवाङ रियासत के प्रथम राजगुरू थे! मारवाङ इतिहास,नामक महाकाव्य के प्रथम भाग पृष्ष 92 मे सिद्द योगीराज श्री चिङियानाथ जी महाराज का धार्मिक व ऐतिहासिक सम्बन्धो का वर्णन आसण मठ मे स्थित प्राचीन शिवलिंग कि स्थापना स्वयं राव जोधाजी ने कि और इसकी पुजा अर्चना भी की! 7 वी आयशा गदीपति श्री लकङनाथजी महाराज की जीवित समाधि है इस समाधि पर मुगलो ( मुसलमानो) ने गुम्बद का निर्माण करवाया जो आज भी मौजूद है! आसण मठ की भव्य सिरे प्रवेश द्दार के सामने ही श्री गुलाबनाथ जी की जीवित समाधि स्थल है! इनके चारों ओर ओरण भुमि है, इसके अन्दर प्रतिवर्ष होली के चौथे (चतुर्थ) दिन यहाँ भव्य व विशाल मेला का आयोजन होता है! कई गाँवों की गैरे नाचती – गाती हुई यहाँ गुलाब नाथ जी महाराज के दर्शन करने आती है! प्राचीन काल से ही चिङियानाथ जी का आसण मठ का धार्मिक व ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपुर्ण स्थान हे! यहाँ पर किसी भी प्रकार का ऊच – नीच या जात- पात का कोई भी भेदभाव नही है! यदि इसे साम्प्रदायिक सदभाव स्थल कहे तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी! मारवाङ मे श्री चिङियानाथ जी को देवता का अवतार माना जाता है! जब भी मारवाङ मे अकाल पङता है तो श्री चिङियानाथ जी की पूजा-अर्चना व याद किया जाता है! जोधपुर मे पानी की भयंकर समस्या को दुर करने के लिए भुतपुर्व मुख्यमंत्री भैरोसिह जी के समय गंगा नदी से जल लाकर, चिङियानाथ जी को अर्पण किया, तभी से पानी किल्लत दुर हुई! यहाँ पर नवरात्रा (चेत्र,आसोज) मे आसणमठ मे जागरण व मैला का आयोजन होता है! श्री चिङियानाथ जी की असीम अनुकृपा से आज तक किसी भी द्रव्य पदार्थों के ऊपर ढक्कन नही रखते है! मारवाङ के राजघराने व चिङियानाथ जी के आसण के घनिष्ठ सम्बन्ध प्रारंभ से लेकर वर्तमान काल तक बने हुए है! 1459 ई.मे मारवाङ नरेश राव जोधाजी द्दारा अपनी राजधानी मण्ङोर से 5 कि. मी शहर की तरफ चिङियाटूक (चिङियानाथ जी पहाङी) पर मेहरानगढ़ दुर्ग की नीव खोदते समय चिङियानाथ जी की धूणी व गुफा व नीव के बीचोबीच मे आ गई, तब उसी धूणी व गुफा को हटाने का आदेश दिया मगर चिङियानाथ जी ने हटने से मना कर दिया और बोले की धूणी को या तो गढ़ के अन्दर ले लो या बाहर कर दो! फिर भी मंत्री नही माने और हटाने का आदेश दिया! तब चिङियानाथ जी ने अपनी झोली मे झलते हुए अंगारे ङालकर क्रोधित होकर वहाँ से निकले और जंगलों मे विचरण करते हुए बङी बीजाणी गाँव पहुचे और चोपाजी के आग्रह करने पर जोधाणा ( जोधपुर ) की तरफ प्रस्थान किया! और चलते-चलते नौ कोस आने पर जोधपुर पालासनी गाँव मे रूके और अपनी धूणी स्थापित करके अपनी जिवित समाधि ले ली! सन्त शिरोमणि सिद्द श्री चिङियानाथ जी की पावन धरा ऐतिहासिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से सर्वोंच तथा सर्वोपरि है! अत वर्तमान समय मे 27 वी आयशजी गद्दीपति श्री कैलाशनाथ जी गद्दी पर विराजमान है @श्री आयश जी गद्दपतियो की वंशावली @ 1 श्री आयश जी श्री चिङियानाथ जी महाराज 2 श्री कमलनाथ जी महाराज 3 श्री शिवनाथजी महाराज 4 श्री भरपूर नाथ जी महाराज 5श्री सिद्ध नाथ जी महाराज 6 श्री अजीत नाथ जी महाराज 7 श्री लकङनाथ जी महाराज 8 श्री लाल नाथ जी महाराज 9 श्री शिवनाथ जी महाराज 10 श्री शेद्दनाथ जी महाराज 11 श्री सुन्दर नाथ जी महाराज 12 श्री कुलनाथ जी महाराज 13 श्री माणकनाथ जी महाराज 14 श्री गुणेशनाथ जी महाराज 15 श्री जुगतनाथ जी महाराज 16 श्री कृपानाथ जी महाराज 17 श्री गेवीनाथ जी महाराज 18 श्री मोतीनाथ जी महाराज 19 श्री फुल नाथ जी महाराज 20 श्री चेननाथ जी महाराज 21 श्री देवनाथ जी महाराज 22 श्री जोधनाथ जी महाराज 23 श्री प्रेमनाथ जी महाराज 24 श्री लालनाथ जी महाराज 25 श्री मेघनाथ जी महाराज 26 श्री निर्भयनाथ जी महाराज 27 श्री कैलाश नाथ जी महाराज 28 वर्तमान गादीपति श्री श्री 1008 श्री आयस पीर जी श्री डॉ. योगी गिरीवर नाथ जी महाराज (नवीन मठाधीश)🚩🙏