जोबन धन पावना दिन चारा भजन लीरिक्स|joban dhan pawana din chara bhajan lyrics

दोहा – आया था किस कारणे,
ने सोया चादर तान,
एक दिन जम ले जावसी,
पकड तुम्हारे कान।


जोबन धन पावना दिन चारा जी,
ज्यारो गरब करे सु गिवारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी।।


अरे हाड मास का बनीया पिंजरा,
अरे हाड मास का बनीया पिंजरा,
भीतर भरीया भंगारा,
ए ऊपर रंग सोने रो लगायो जी,
ऊपर रंग सोने रो लगायो,
कारीगर किरतारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी,
ज्यारो गरब करे सु गिवारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी।।


अरे पशु चाम रा बने पनेहा,
पशु चाम रा बने पनेहा,
नोपत मंडे नगाडा जी,
नर तेरी चाम काम नही आवे जी,
नर तेरी चाम काम नही आवे,
बल जल होवे अंगारा,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी,
ज्यारो गरब करे सु गिवारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी।।


दस मस्तक ज्यारी बीस भुजा थी,
दस मस्तक ज्यारी बीस भुजा थी,
रावण के परिवारा जी,
अरे एडा एडा योध्दा धरण मे गलीया,
एडा एडा योध्दा धरण मे गलीया,
लंका के सिरदारा,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी,
ज्यारो गरब करे सु गिवारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी।।


अरे ओ संसार ओस वालो पानी बीरा,
ओ संसार ओ वालो पानी,
जातोनी लागे वारा जी,
कहत कबीर सुनो भई संतो,
कहत कबीर सा सुनो भई संतो,
भवजल उतरो पारा,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी,
ज्यारो गरब करे सु गिवारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी।।


जोबन धन पावणा दिन चारा जी,
ज्यारो गरब करे सु गिवारा ओ,
जोबन धन पावणा दिन चारा जी।।


प्रेषक:- महेन्द्रनाथ

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