राम जी रो राख भरोसो भाई लिरिक्स

 राम जी रो राख भरोसो भाई  राम जी रो राख भरोसो भाई 

जे तू राखे राम भरोसो कमीं ना राखे काई 

 राम जी रो राख भरोसो भाई ।।


1. कीड़ी ने कण राम पुरुवे , हस्ती मण भर खाई

अमर पखेरू भवे आकाशा ,उनको भी चुन चुगाई 

राम जी रो राख भरोसो भाई 

जे तू राखे राम भरोसो कमीं ना राखे काई 

राम जी रो राख भरोसो भाई ।।

2.अजगर इधर उधर नहीं डोले चोंच मोड़ नही खाई ।

ज्यारो ओधर राम भरत पलभर नहीं बिसराई 

राम जी रो राख भरोसो भाई 

जे तू राखे राम भरोसो कमीं ना राखे काई 

 राम जी रो राख भरोसो भाई ।।


3. हरिजन वे सो हरजी ने ओर नही जांचे कोई

    हरिजन होई जगत को जांचे रिछे डुबे सोई

    राम जी रो राख भरोसो भाई 

    जे तू राखे राम भरोसो कमीं ना राखे काई 

    राम जी रो राख भरोसो भाई ।।

4. जम के द्वार कबू  नही जावू ये मेरे मन माई

    कहे कबीर सुणो भई साधो रामजी ने लाज बचाई

     राम जी रो राख भरोसो भाई 

     जे तू राखे राम भरोसो कमीं ना राखे काई 

     राम जी रो राख भरोसो भाई ।।

Mahendra Nath typed

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