आ लौट के आजा हनुमान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
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गये पवन सुत लाने संजीवन ।
अब तक क्यों नही आये
सेनापति सुग्रीव पुकारे
नर वानर घबराये ।।
सब लोग भये सुनसान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं।
आ लौट के आजा हनुमान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
आ लौट के आजा हनुमान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
कभी तड़पते कभी बिलखते
जी भरके प्रभु रोये
हाय लखन तुम अपनी माँ के
हो इकलौते बैटे ।।
यूँ रुदन करत है महान
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
आ लौट के आजा हनुमान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
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बीत गई सब रेन घड़ी
अब भौर रही है बाकी
देख देख कर रहा तुम्हारी
बेरन अंखिया थाकी
कंही उदय ना हो जाये भान
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
आ लौट के आजा हनुमान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
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तात समय हनुमान संजीवन ।
ले सेना में आये
झूमर लाल धन्य बजरंगी
लक्मन प्राण बचाये ।।
तब जाग ऊठे बलवान
तुझे श्री राम बुलाते हैं
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
आ लौट के आजा हनुमान।
तुझे श्री राम बुलाते हैं ।।
राम बुलाते हैं तुझे भगवान बुलाते हैं।
प्रेषक:- महेंद्र नाथ