मैं तो गिरधर के घर जाऊं मीराबाई भजन लिरिक्स-Rajasthani Bhajan Lyrics

मैं तो गिरधर के घर जाऊं,
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम,
देखत रूप लुभाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


रैण पडे तबही सो जाऊं,
भोर भये उठ आऊं,
रैण दिना वाके संग खेलूं,
ज्यूं त्यूं ताहि रिझाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


मैं तो गिरधर के घर जाऊं,
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम,
देखत रूप लुभाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


जो पहिरावै सो पहिरूं मैं,
जो देवे सो खाऊं,
मेरी उणकी प्रीति पुराणी,
उण बिन पल न रहाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


मैं तो गिरधर के घर जाऊं,
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम,
देखत रूप लुभाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


जहाँ बैठावे तित बैठूं मैं,
बैचे तो बिक जाऊं,
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
बार बार बलि जाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


मैं तो गिरधर के घर जाऊं,
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम,
देखत रूप लुभाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


मैं तो गिरधर के घर जाऊं,
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम,
देखत रूप लुभाऊं,
माई मैं तो गिरधर के घर जाऊँ।।


प्रेषक :- महेन्द्रनाथ

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