नर नारायण री देह बनाई भजन लिरिक्स |nar narayan ri deh banai bhajan lyrics

नर नारायण देह बनाई ।

अरे भाई नुगरा कोई नहीं रेवणा जी

नुगरा मिनख तो पशु बराबर

अरे भाई उनका संग नहीं करना जी 

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

 

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अड़ा वरण की गाया दुवाडु ।

भाई एक बर्तन में लेवना जी

मथे–मथे ने माखन लेना

भाई बर्तन उजला रखना

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

नर नारायण देह बनाई ।

अरे भाई नुगरा कोई नहीं रेवणा जी

नुगरा मिनख तो पशु बराबर

अरे भाई उनका संग नहीं करना जी 

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

 

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अगलो रे आवे अगन सरूपी ।

तो जल सरूपी रहना जी

जाणो आग अंजानो रेहना 

सुन सुन वचन लेवना जी

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

नर नारायण देह बनाई ।

अरे भाई नुगरा कोई नहीं रेवणा जी

नुगरा मिनख तो पशु बराबर

अरे भाई उनका संग नहीं करना जी 

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

 

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काशी नगर में रहता कबीर सा

बे कोरा कागा बनता जी

सारा संसारिया में धर्म चलायो

बे निर्गुण माला फेरता जी

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

 

नर नारायण देह बनाई ।

अरे भाई नुगरा कोई नहीं रेवणा जी

नुगरा मिनख तो पशु बराबर

अरे भाई उनका संग नहीं करना जी 

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।।

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इन संसारिया में आवणो जावणो ।

तो भेर किसे मत रखना जी

केवे कमाली कबीर सा की लड़की

फेर जन्म नहीं लेवना जी

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रेवणा थोड़ा रे ।।

 

नर नारायण देह बनाई ।

अरे भाई नुगरा कोई नहीं रेवणा जी

नुगरा मिनख तो पशु बराबर

अरे भाई उनका संग नहीं करना जी 

राम भजन में चाल मेरा हंसा

इन जग में रहना थोड़ा जी ।   

 

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