दोय दिनां री बन्दा सायबी भजन लिरिक्स

 दोय रे दिनां री बन्दा सायबी ,कांई देख दिखावे रे ।

घमण्ड करे धन माल का ,साथे नहीं चाले रे ।।

महल खजाना वो छोड़ के भूप होया रे रवाना ।

क्या जानू किण देश में ज्यांरा होया रे पियाणा ।। 1

 दोय रे दिनां री बन्दा सायबी ,कांई देख दिखावे रे ।

घमण्ड करे धन माल का ,साथे नहीं चाले रे ।।


ढलता रेगा ढोलिया , नित फूल बिछाता ओ ।

पोढण वाला जी चला गया, अब नहीं दिसे जाता ओ ।। 2

 दोय रे दिनां री बन्दा सायबी ,कांई देख दिखावे रे ।

घमण्ड करे धन माल का ,साथे नहीं चाले रे ।।


मुछ्यां ने टेढ़ी वो राखता ,कांई आंख दिखावे वो ।

जोर जवानी तोलता ,बे नर मरता वो जावे  ।। 3

 दोय रे दिनां री बन्दा सायबी ,कांई देख दिखावे रे ।

घमण्ड करे धन माल का ,साथे नहीं चाले रे ।।


उण करतां को भुलगा , सुंदर तन दिनां वो ।

मान केवे थे समझ भजो , जग में थोड़ा जीणा ।। 4

 दोय रे दिनां री बन्दा सायबी ,कांई देख दिखावे रे ।

घमण्ड करे धन माल का ,साथे नहीं चाले रे ।।

प्रेषक :- महेंद्र नाथ 

     

8058647403

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