तने पुछू पंडित जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।
तने पुछु जूना जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।।
मारी आंख फरुके बायीं
माने संत मीले के सांई ।
मारा पिया प्रदेशा छाया
किन बेरण ने भिलमाया ।।
तने पुछू पंडित जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।
तने पुछु जूना जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।।
मारी रोय रोय अंखिया रातीं
मारो तन दिवलो मन बाती ।
मारा झुर झुर पिंजर खिना
ज्यूं जल बिना तड़पे मीना ।।
तने पुछू पंडित जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।
तने पुछु जूना जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।।
सुण सुण रे पंडित जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।।
उड़ उड़ रे काला कागा
मारे पिया ने गणा दिन लागा ।
बाजिन्दों फिरे बिसूरे
मारी आस हरि कद पूरे ।।
भजन लिखने वाला :- महेंद्र नाथ
तने पुछू पंडित जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।
तने पुछु जूना जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।।
तने पुछू पंडित जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।
तने पुछु जूना जोशी मारो राम मिलन कब हो सी ।।