गुरु देव दया करके मुझको अपना लेना ।
में शरण पड़ा तेरी , चरणों मे जगह देना ।
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।।
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करूणानिधि नाम तेरा ,करूणा दिखलाओ तुम
मेरी नाव भंवर डोले,उसे पार लगाओ देना ।
गुरु देव दया करके मुझको अपना लेना ।
में शरण पड़ा तेरी , चरणों मे जगह देना ।
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।।
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तुम सुख के सागर हो,निर्धन के सहारे हो।
इस मन मे समाये हो,मुझे प्राणों से प्यारे हो
नित माला जपु तेरी नहीं दिल से भुला देना ।।
गुरु देव दया करके मुझको अपना लेना ।
में शरण पड़ा तेरी , चरणों मे जगह देना ।
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।।
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पापी या कपटी हूँ, जैसा भी हूं तेरा हूँ ।
है नाथ भुला ना मुझे , तेरे चरणों का चेला हूँ
तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना ।।
गुरु देव दया करके मुझको अपना लेना ।
में शरण पड़ा तेरी , चरणों मे जगह देना ।
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।।
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प्रेषक:- महेंद्र नाथ