HomeBHAJANखलक है रेन का सपना भजन लिरिक्स|jhalak sab ren ka sapna bhajan lirics खलक है रेन का सपना भजन लिरिक्स|jhalak sab ren ka sapna bhajan lirics October 7, 2020PubBy Strading News खलक है रेन का सपना समझ मन कोई नही अपना ।कठण है लोभ की धारा बुहा सब जाय संसारा ।। पता जैसे डाल से टुटा घड़ा जैसे नीर का फूटा ।ऐसे नर जाय जिंदगानी सवेरे चेत अभिमानी ।1। भूलो मत देख तन गोरा जगत में जीवना थोड़ा ।तजो मद लोभ चतुराई निसंग होय रेवो जग माई ।2। सजन परिवार सूत दारा एक दिन होवेगा न्यारा ।निकल जब प्राण जावेगा कोई नही काम आएगा ।3। सदा मत जाणं आ देहा लगा हरि नाम से नेहा ।कटे जम जाल की फांसी केवे कबिर अविनाशी ।4। खलक है रेन का सपना समझ मन कोई नही अपना ।कठण है लोभ की धारा बुहा सब जाय संसारा ।। पता जैसे डाल से टुटा घड़ा जैसे नीर का फूटा ।ऐसे नर जाय जिंदगानी सवेरे चेत अभिमानी ।1। भूलो मत देख तन गोरा जगत में जीवना थोड़ा ।तजो मद लोभ चतुराई निसंग होय रेवो जग माई ।2। सजन परिवार सूत दारा एक दिन होवेगा न्यारा ।निकल जब प्राण जावेगा कोई नही काम आएगा ।3। सदा मत जाणं आ देहा लगा हरि नाम से नेहा ।कटे जम जाल की फांसी केवे कबिर अविनाशी ।4। खलक है रेन का सपना समझ मन कोई नही अपना ।कठण है लोभ की धारा बुहा सब जाय संसारा ।। पता जैसे डाल से टुटा घड़ा जैसे नीर का फूटा ।ऐसे नर जाय जिंदगानी सवेरे चेत अभिमानी ।1। भूलो मत देख तन गोरा जगत में जीवना थोड़ा ।तजो मद लोभ चतुराई निसंग होय रेवो जग माई ।2। सजन परिवार सूत दारा एक दिन होवेगा न्यारा ।निकल जब प्राण जावेगा कोई नही काम आएगा ।3। सदा मत जाणं आ देहा लगा हरि नाम से नेहा ।कटे जम जाल की फांसी केवे कबिर अविनाशी ।4।
झूला झूले रे कन्हैया लाल कदम की डाली भजन लिरिक्स|krishna bhajan lyrics । दोहा ।।कृष्णा रे तू मत जाणियो, तौ बिछड्यो मोहे चेन।जैसे जल बिन माछली, वा तड़प रही दिन रेन। डाली…
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इन शहर में आयो रावलियो भजन लिरिक्स इन शहर में आयो रे रावलियो जातों दे गयो फेरी रे ।मनमस्तनो आयो शहर में जातो दे गयो फेरी रे…