क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना।
माटी में मिल जाना एक दिन माटी में मिल जाना ।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
1. माटी ओढ़न माटी बिछावन माटी रा सिराणा ।।टेर।।
माटी रा कलबूत बनाया ,माटी रा कलबूत बनाया ।
ज्यां में भंवर सामना ,ज्यां में भंवर समाना।।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
माटी में मिल जाना एक दिन माटी में मिल जाना ।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
2. माटी कहे कुमार से रे तू क्या रोंदे मोय ।।टेर।।
एक दिन ऐसा आवसी रे ,एक दिन आवसी रे
में रौंदूगी तोय, हा में रौंदूगी तोय ।।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
माटी में मिल जाना एक दिन माटी में मिल जाना ।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
3. चुन चुन कंकड़ महल बनाया लोग कहे घर मेरा ।।टेर।।
ना घर तेरा ना घर मेरा , ना घर मेरा चिड़िया बास बसेरा ।।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
माटी में मिल जाना एक दिन माटी में मिल जाना ।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
माटी में मिल जाना एक दिन माटी में मिल जाना ।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
5.नानक चोला अजब बनाया संत मिल्या जद दर्जी।
दिल दुविदा दूर मिटे जद दिल की दुविदा दूर मिटे
परमार्थ के घर जी ओ परमार्थ के घर जी ।।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
माटी में मिल जाना एक दिन माटी में मिल जाना ।
क्या तन माँझता रे एक दिन माटी में मिल जाना ।।
महेंद्र नाथ द्वारा लिखित भजन