मनमस्तनो आयो शहर में जातो दे गयो फेरी रे ।।
इन शहर में सात समंद है नौ सौ नदियाँ गहरी रे ।
ऐड़े छेड़े खारा समंद है बीच में इमरत बेरी रे ।।
इन शहर में आयो ………………… ……….. .
इन शहर में बाजा बाजे बाजरिया आठों पहरी रे।
मृदंग ताल पखावज बाजे मुरली बाजे गहरी रे।।
इन शहर में आयो ………………………………
इन शहर में हीरा निपजे लाला निपजे गहरी रे।
उड़ हंसा शिखर गढ़ बैठा चुग रिया सांझ सवेरी रे ।।
इन शहर में आयो……………………………………
काल क्रोध ने मार हटाओ आ है भजन की लहरी रे ।
गुरु मछिन्दर जति गौरख बोले निर्गुण माला फेरी रे।।
इन शहर में आयो ………………………………….
श्री नाथ जी महाराज की जय
शंकर भगवान की जय